बाल क्यों झड़ते हैं? बालों का झड़ना कैसे रोकें? झड़ते बालों का घरेलू उपचार

बाल क्यों झड़ते है? बालों का झड़ना कैसे रोकें?

बालों का झड़ना कैसे रोकें?
बालों का झड़ना कैसे रोकें?


बालों को “सिर का मुकुट” (crowning glory) कहा जाता है। बाल किसी की भी पर्सनैलिटी (व्यक्तित्व और शैली) का अहम हिस्सा होते हैं। एक बार जब बाल झड़ने लगते हैं तो यह चिंता का विषय हो जाता है।

बालों का झड़ना अपने आप में खतरनाक नहीं है, लेकिन नकारात्मक भावनाएं आत्मसम्मान और सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।

पुरुष हो या महिला दोनों में बालों का झड़ना एक आम व गंभीर समस्या है जिससे बहुत से लोग परेशान हैं, क्योंकि इससे गंजापन हो सकता है, अतः यह समस्या निराशा, कुंठा व चिंता का कारण बन सकती है तथा यह लोगों के आत्म-सम्मान के साथ मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है।

बालों का गिरना (Hair Shedding) एक सामान्य प्रक्रिया है जो कि बालों के झड़ने (Hair-Loss / बाल-क्षय) से अलग है।

चिकित्सा विज्ञान में बालों का झड़ना (Hair Loss) यानी खालित्य (Alopecia) से अभिप्राय सिर से बालों का धीरे-धीरे व औसत से ज्यादा झड़ना है।

ज्यादातर लोग अपने जीवन की लगभग आधी उम्र के बाद बाल झड़ने का अनुभव करते ही हैं।

इस लेख में - बाल क्यों झड़ते हैं? बालों का झड़ना कैसे रोकें? झड़ते बालों का घरेलू उपचार कैसे करें? कोरोना व बालों का झड़ना, तथा बालों के झड़ने से सम्बन्धित अन्य विषयों पर विस्तार से समझाने की कोशिश की गयी है, आशा है आपकी किसी समस्या का समाधान यहाँ मिल जाये



Table Of Contents


बाल क्यों झड़ते हैं? बालों के झड़ने की प्रक्रिया

बालों को झड़ने से रोकने के लिए पहले बालों के झड़ने की प्रक्रिया को समझना आवश्यक है।

बाल विकास चक्र (Hair Growth Cycle):

आम तौर पर, मनुष्य के 50 से 100 बाल प्रति दिन झड़ते हैं।

बालों का गिरना या झड़ना एक प्राकृतिक संतुलन का हिस्सा है - कुछ बाल झड़ते हैं जबकि अन्य बढ़ते हैं।

बालों का विकास क्रम तीन चक्रों से होकर गुजरता है -

1. Growing Phase or Anagen Phase:

  • यह बालों के बढ़ने का सामान्य चक्र है और इस चरण के दौरान प्रत्येक बाल प्रति माह लगभग एक सेंटीमीटर बढ़ता है।
  • लगभग 80-90 प्रतिशत बाल हर समय बढ़ रहे होते हैं।
  • सिर के बालों के लिए यह चक्र 2 से 6 साल तक चलता है जबकि छोटे बालों (पलकें, भौहें, हाथ एवं पैर के बाल) के लिए लगभग एक महीने तक चलता है।

2. Transition Phase or Catagen Phase:

  • लगभग 2-3 सप्ताह के इस समय में बालों के रोम (Hair Follicles) संकुचित होते हैं या सिकुड़ते हैं।

3. Resting Phase or Telogen Phase:

  • हर समय लगभग 10 प्रतिशत बाल, आराम के चरण में होते हैं।
  • 2 से 4 महीने के बाद आराम करने वाले बाल झड़ जाते हैं और उनकी जगह नए बाल उगने लगते हैं।
  • टेलोजन चरण में प्रति दिन कम से कम 100 बाल खोना सामान्य बात है। हालांकि, तनाव जैसे कि बुखार, पोषण असंतुलन व कुछ दवाएं, इस संख्या को बढ़ा सकती हैं।
इस चक्र के हिसाब से हर दिन कुछ बाल झड़ना सामान्य बात है।

उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों और महिलाओं दोनों के बालों की मोटाई और मात्रा कम होने लगती है।

हालांकि, संतुलन बाधित होने पर बाल झड़ते ज्यादा हैं और बढ़ते कम हैं, तब कुछ लोगों को बालों के अत्यधिक (सामान्य से अधिक) झड़ने का अनुभव होता है।

इस प्रकार के बालों का झड़ना पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को प्रभावित कर सकता है।

आनुवंशिक गंजापन शरीर के नए बाल पैदा करने में विफलता के कारण होता है न कि बालों के अत्यधिक झड़ने के कारण।

वंशानुगत या "पैटर्न गंजापन" महिलाओं की तुलना में पुरुषों को कहीं अधिक प्रभावित करता है।

पुरुषों में बालों का झड़ना मतलब पुरुष पैटर्न गंजापन होना है।

लगभग 25% पुरुष 30 साल की उम्र तक गंजे होने लगते हैं, और लगभग दो-तिहाई या तो गंजे होते हैं या 60 साल की उम्र तक गंजेपन का पैटर्न आ जाता है।

हालांकि, 40 कि उम्र के बाद लगभग 50% से अधिक महिलाओं में बालों का झड़ना आम बात है। लगभग एक तिहाई महिलाओं में महिला-पैटर्न बालों का झड़ना (FPHL) मिलता है।

बाल हमारी शारीरिक और मानसिक स्थिति का संकेत देते हैं। बालों का झड़ना और बालों का बढ़ना हमारे खान-पान, रहन-सहन और पर्यावरण से प्रभावित होता है।

बालों का झड़ना कितने प्रकार का होता है? (Types of Hair Loss)


चिकित्सा विज्ञान में बालों का झड़ना निम्न प्रकार का होता है:
 

1. एनाजेन एफ्लुवियम:

यह उन दवाओं के कारण होता है जो एनाजेन चरण में बालों को बढ़ने से रोकती है (जैसे कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी)।

2. टेलोजेन एफ्लुवियम:

टेलोजेन चरण तक पहुंचने वाले झड़ते बालों की संख्या में वृद्धि, मुख्यतः तनाव के कारण होता है।
  • शारीरिक स्ट्रेस: वजन में बहुत अधिक कमी करना, सर्जरी, एनीमिया, बीमारी, प्रसव-पीड़ा आदि।
  • भावनात्मक तनाव: मानसिक बीमारी, किसी प्रियजन की मृत्यु, आदि।
  • थायराइड।
  • दवाएं व सप्लीमेंट्स: रक्तचाप की दवाएं, गठिया की दवाएं और विटामिन ए की उच्च खुराक।
  • हार्मोन में बदलाव: गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या गर्भनिरोधक गोलियों के कारण।


3. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया / पैटर्न एलोपेसिया - फीमेल पैटर्न हेयर लॉस (FPHL) व मेल पैटर्न हेयर लॉस (MPHL) / गंजापन:

  • यह प्रकार सबसे आम है।
  • महिलाओं में बाल सिर के ऊपर और किनारों पर पतले होते हैं, जबकि पुरुषों में कई पैटर्न मिलते हैं।
कारण - जीन (आनुवंशिकता), बढ़ती उम्र, रजोनिवृत्ति।

4. एलोपेसिया एरीटा:

  • Alopecia Areata एक ऑटोइम्यून त्वचा रोग है जो सिर पर और संभवतः शरीर के अन्य स्थानों पर बालों के झड़ने का कारण बनता है।
  • इसमें सिर पर गोल पैच में बाल झड़ने लगते हैं।
  • यह भौहें, दाढ़ी और अन्य क्षेत्रों के बालों को भी प्रभावित कर सकता है।
  • जीन और पर्यावरणीय कारक मुख्य कारण हैं।
  • यह अक्सर बाल्यावस्था में होता है।
  • यह आमतौर पर स्थायी नहीं होता है, और बाल फिर से उग सकते हैं।

एलोपेसिया टोटलिस

एलोपेसिया एरीटा के चरम रूपों में से एक एलोपेसिया टोटलिस में सिर के सभी बाल झड़ जाते हैं।

एलोपेसिया युनिवर्सलिस

एलोपेसिया युनिवर्सलिस में सिर और पुरे शरीर से सभी बाल झड़ जाते हैं।


बालों के असामान्य रूप से झड़ने के कारण (Causes Of Hair Loss / Alopecia)



बाल क्यों झड़ते हैं? बाल  झड़ने के  कारण
बाल क्यों झड़ते हैं? बाल  झड़ने के  कारण।


बालों के झड़ने की समस्या आनुवंशिक कारकों, तनाव, गर्भावस्था या मासिक धर्म / रजोनिवृत्ति के दौरान हार्मोन में परिवर्तन, खराब आहार / पोषक तत्वों की कमी, कीमोथेरेपी दवाओं सहित कुछ अन्य दवाओं व उच्च रक्तचाप के उपचार के दुष्प्रभाव के कारण हो सकती है।

बालों के झड़ने का कारण एक ऐसा विषय है जिस पर कोई भी दो डॉक्टर सहमत नहीं दिखते और सबकी अपनी-अपनी राय है।

बालों के झड़ने के पीछे निम्न कारण हो सकते हैं -

1. रोग / बीमारी:

  • शारीर में विद्यमान रोग: थायराइड, एनीमिया, सोरायसिस, लुपुस सहित लगभग 30 बीमारियां बालों के झड़ने का कारण बनती हैं। इन बीमारियों का इलाज करने से बालों का झड़ना रोका जा सकता है।
  • बीमारी का प्रभाव (टेलोजन एफ्लुवियम): बीमारी ठीक होने के बाद भी बाल झड़ सकते हैं। जैसे बड़ी सर्जरी, तेज बुखार, गंभीर संक्रमण (जैसे कोरोना) या फ्लू भी बालों के झड़ने का कारण बन सकते है।
  • कुछ कैंसर उपचार: विकिरण चिकित्सा और कीमोथेरेपी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है। यह अक्सर अस्थायी होता है।
  • खोपड़ी का दाद Ringworm / फंगस संक्रमण: यह रोग संक्रामक है और बच्चों में आम है। सही उपचार के बिना, दाद गंजेपन का कारण बन सकता है।
  • ट्रिकोटिलोमेनिया / ट्राइकोटिलोमेनिया: इस चिकित्सा विकार में लोग अपने बाल बार-बार खुद खींचते हैं। कुछ पीड़ितों का कहना है कि उन्हें अपनी पलकें, नाक के बाल, भौहें और शरीर के अन्य बालों को खींचने की आदत पड़ जाती है।
  • डैंड्रफ: डैंड्रफ न केवल बालों को बल्कि आत्मविश्वास को भी प्रभावित कर सकता है। यह कभी-कभी शर्मनाक स्थिति में डाल देता है। डैंड्रफ में सिर पर मृत त्वचा कोशिकाएं जमा हो जाती हैं जो कि Hair Follicle को अवरुद्ध कर देती हैं, और बालों को कमजोर कर देती हैं, जिससे अंततः बाल झड़ जाते हैं।


2. हार्मोन और तनाव:

  • प्रसव: प्रसव के बाद, कुछ महिलाओं के बाल झड़ते हैं। एस्ट्रोजन का घटता स्तर बालों के झड़ने का कारण बनता है जो कि अस्थायी होता है तथा कुछ महीनों बाद महिलाओं के बाल फिर से उगने लगते हैं।
  • रजोनिवृत्ति: रजोनिवृत्ति के दौरान बालों का झड़ना आम है। यह भी अक्सर अस्थायी होता है। कुछ समय बाद बाल फिर से बढ़ते हैं।
  • PCOD / PCOS बीमारी कि वजह से हार्मोन असंतुलन।
  • तनाव: किसी दर्दनाक घटना का अनुभव करना (जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु या तलाक) बालों के झड़ने का कारण बन सकता है।


3. आहार और खराब पोषण:

  • वजन कम होना: कुछ लोगों के वजन में 6-7 किलो से अधिक कमी के 3 से 6 महीने बाद बालों का झड़ना शुरू हो सकता है। इस तरह से बालों का झड़ना सामान्य बात है तथा बिना किसी की मदद के बाल फिर से उग आते हैं।
  • विटामिन ए: बहुत अधिक विटामिन ए बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। लोग खुराक या दवाओं के माध्यम से इस विटामिन की बहुत अधिक मात्रा ले लेते हैं। लेकिन जैसे ही शरीर को बहुत अधिक मात्रा में विटामिन ए मिलना बंद हो जाता है, तो बालों का सामान्य विकास फिर से शुरू हो जाता है।
  • प्रोटीन: शरीर में प्रोटीन की कमी भी बालों के झड़ने का एक प्रमुख कारण हो सकता है।
  • आयरन: पर्याप्त आयरन न मिलने से बाल झड़ सकते हैं। 
  • कॉपर, जिंक, बायोटिन, कैल्शियम विटामिन D की कमी।
  • ईटिंग डिसऑर्डर: जब किसी व्यक्ति को ईटिंग डिसऑर्डर होता है, तो बालों का झड़ना आम है। एनोरेक्सिया (पर्याप्त भोजन नहीं करना) और बुलिमिया (खाने के बाद उल्टी) बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।


4. दवाएं व उनके दुष्प्रभाव:

कुछ दवाएं व उनके दुष्प्रभाव बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं। इसमे शामिल है:
  • रक्त को पतला करने वाली दवाइयां।
  • विटामिन ए की उच्च खुराक।
  • दवाएं जो गठिया, अवसाद, गाउट, हृदय की समस्याओं और उच्च रक्तचाप का इलाज करती हैं।
  • गर्भनिरोधक गोलियां: कुछ महिलाएं में गोली लेने के दौरान बाल झड़ते हैं तो किसी में गोली लेना बंद करने पर बाल झड़ते हैं। यह अक्सर वंशानुगत होता है।
  • एनाबॉलिक स्टेरॉयड (मांसपेशियों के निर्माण और एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार के लिए लिये गये स्टेरॉयड) बालों के झड़ने का कारण हो सकते है।

दवा-प्रेरित खालित्य Drug-Induced Alopecia:

किसी विशेष दवा को लेने के शुरुआती 3 महीनों में बालों का झड़ना, पतला होना, मुख्य-रूप से सिर के अग्र भाग में दिखाई दे सकता है।

टेलोजेन चरण में बालों का झड़ना -

अधिकांश दवाएं आराम के चरण में बालों को प्रभावित करती हैं।

टेलोजेन चरण में बालों का झड़ना बढ़ाने वाली दवाएं -
  • Amphetamines.
  • Angiotensin-Converting Enzyme (ACE) Inhibitors.
  • Antidepressants - paroxetine, fluoxetine, sertraline.
  • Antifungals.
  • Antiseizure medicines.
  • Beta-Blockers (for Heart and Glaucoma treatment).
  • Birth control pills.
  • Blood-Thinners like Heparin, Warfarin.
  • Cholesterol-lowering drugs - Clofibrate, Gemfibrozil.
  • Drugs for Thyroid problems.
  • Drugs for Stomach problems - Famotidine.
  • Drugs for Parkinson’s Disease like Levodopa.
  • Hormone Replacement Therapy (HRT).
  • Vitamin-A-based medicines like Isotretinoin.
  • NSAIDs like Naproxen.
  • Steroids.
एनाजेन चरण (बालों को बढ़ने की अवस्था) में बालों का झड़ना -
  • कीमोथेरेपी दवाएं - कीमोथेरेपी शुरू करने के 2-5 सप्ताह के भीतर बालों का झड़ना शुरू हो सकता है।
  • गाउट के इलाज के लिए उपयोग होने वाली Colchicine से भी बाल झड़ सकते हैं।
  • निम्नलिखित तत्व भी एनाजेन चरण के दौरान बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं: Arsenic (हरताल), Bismuth, बोरिक एसिड, Thallium आदि


5. बालों की गलत देखभाल:

बालों पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ उत्पाद, हेयरस्टाइल व कुछ प्रक्रियाएं बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।

उत्पाद:

  • बार-बार ब्लीचिंग या परमानेंट के कारण बाल टूट सकते हैं। 
  • डाई, जैल, रिलैक्सर्स और हेयर स्प्रे का नियमित या अनुचित उपयोग भी बालों के टूटने का कारण बन सकता है। 
  • साबुन - अक्सर लोग टॉयलेट सोप (TFM - 60% से 80%) से नहाते हैं जो कि बालों व सिर की त्वचा को शुष्क बनाते हैं, जबकि नहाने के साबुन का TFM 40% के लगभग होना चाहिए। 
  • लगभग सभी रासायनिक शैंपू में सोडियम लॉरिल सल्फेट (SLS), पेराबैनसिलिकॉन आदि होते हैं, जो  इम्युनिटी कमजोर करते हैं तथा बालों के रोम (hair follicles) को नुकसान पहुंचाते हैं। अतः इनका उपयोग प्रतिदिन ना करके सप्ताह में दो बार करें

ब्लो ड्रायर, फ्लैट आइरन और अन्य उपकरण:

ब्लो ड्रायर का बार-बार उपयोग बालों को नुकसान पहुंचाता है। ब्लो ड्रायर से निकलने वाली तेज गर्मी बालों के शाफ्ट में पानी को उबाल सकती है जिससे बाल भंगुर हो जाते हैं और टूटने का खतरा होता है।

हेयरपिन, क्लिप और रबर बैंड:

जब हेयरपिन, क्लिप, रबर बैंड आदि बालों को कसकर पकड़ने के लिए इस्तेमाल किये जाते है, तो ये बालों को तोड़ सकते हैं।

ट्रैक्शन एलोपेसिया:

वर्षों तक बालों को खींचने वाली एक विशेष शैली (जैसे Ponytail, Corn-Rows, or Braids) में बाल बनाने से बाल झड़ सकते हैं जिसे ट्रैक्शन एलोपेसिया कहा जाता है।

निम्नलिखित गलत आदतों के कारण अक्सर बाल टूट जाते हैं:

  • बहुत अधिक शैंपू करना, कंघी करना या ब्रश करना (प्रति दिन 100 स्ट्रोक या अधिक)।
  • गीले बालों को तौलिए से रगड़ कर सुखाना।
  • गीले बालों को ब्रश करना या कंघी करना। कई लोगों के बाल गीले होने पर अधिक लोचदार होते हैं तथा सूखे बालों की तुलना में अधिक आसानी से टूटते है। जब बाल टूटते हैं, तो बाल झबरे या बहुत पतले दिखाई देते हैं।

6. अन्य कारण:

  • हार्ड वाटर - भारी पानी से नहाने से बाल टूटते हैं
  • प्रदूषित वातावरणधुआं, धूल, धूप आदि का बालों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।


बालों के अत्यधिक झड़ने की वजह को कैसे पहचाने? How to diagnose Hair Loss & its causes?

बालों को झड़ने से रोकने के उपाय करने से पहले यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि किस वजह से बाल झड़ रहे हैं।

A. बाल-झड़ने की जाँच या परीक्षण Hair Loss Tests:

बाल खींचना Hair Pulling - 

अपने बालों को धीरे से खींचकर देखें कि कितने बाल निकलते हैं। अगर 10 से ज्यादा है तो ध्यान देने की जरूरत है।

रक्त परीक्षण - 

रक्त में विटामिन, मिनरल (जैसे विटामिन डी, विटामिन बी, जिंक और आयरन) एवं हार्मोन (थायरॉइड और सेक्स हार्मोन) के स्तर की जांच।

ट्राइकोस्कोपी -

माइक्रोस्कोप और ट्राइकोस्कोपी से बाल की जड़ hair follicle की जांच।

स्कैल्प बायोप्सी - 

सिर की त्वचा से एक बहुत छोटे टुकड़े को हटाना व जांचना।

B. आपकी आदतें Habits:

  • बाल उत्पादों का उपयोग?
  • हेयर स्टाइल?
  • खाना / आहार?
  • ट्राइकोटिलोमेनिया?

C. इतिहास History:

  • उम्र, लिंग, गर्भावस्था, कोई बीमारी?
  • परिवार में किस के बाल झड़ते है?
  • तनाव?
  • किसी तरह की दवाएं या सप्लीमेंट?
  • पहले कभी बाल झड़ें है?

D. आपका स्वयं का अवलोकन Your Observation:

  • बाल कब से झड़ रहे हैं?
  • क्या अधिक झड़ रहे हैं?
  • क्या सिर के अलावा अन्य जगहों (भौहें, हाथ-पैर) पर भी बाल झड़ रहे हैं?
  • किस कारण से बालों के झड़ना बढ़ रहा है?
  • किस कारण से बालों के झड़ना कम हो रहा है?
  • क्या आपके बाल कभी-कभी के झड़ते हैं या यह लगातार झड़ रहे हैं?
  • क्या आपके बाल पहले से अधिक टूट रहे हैं?


बालों के झड़ने के कारण व इलाज


बालों के झड़ने का इलाज (बालों का झड़ना कैसे रोकें?)

बालों के झड़ने का उपचार बालों के झड़ने के कारण पर निर्भर करता है।

तनाव या गर्भावस्था या हार्मोन में बदलाव के कारण बाल झड़ते हैं तो उपचार की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। कुछ समय बाद बालों का झड़ना स्वतः बंद हो जाता है।

बालों की स्टाइलिंग के तरीके, जैसे कि तंग ब्रैड्स या पोनीटेल या कुछ रसायनों के कारण बाल झड़ते हैं तो नुकसान पहुंचाने वाली चीजों या आदतों से बचना चाहिए।

पोषक तत्वों की कमी हो तो पूरक आहार जैसे मल्टीविटामिन, बायोटिन (तीन से पांच मिलीग्राम), प्रोटीन युक्त आहार व सप्लीमेंट्स आदि लेने चाहिए। नट्स, बीज, बीन्स, मांस, अंडे और मछली प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं।

बालों की वृद्धि में मदद करने वाले कुछ विटामिन और खनिज हैं - विटामिन बी, विटामिन डी, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, सेलेनियम, जिंक /जस्ता, आयरन /लोहा आदि।


आधुनिक चिकित्सा पद्धति में बालों के झड़ने का उपचार:

A. बालों के झड़ना रोकने की दवा:

बालों के झड़ने को रोकने के लिए सिर पर लगाने की काउंटर (ओटीसी) पर मिलने वाली कई एलोपथिक दवाएं होती हैं (त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लिया जाना चाहिए)।

1. मिनोक्सिडिल - 
  • पैटर्न गंजापन व कीमोथेरेपी प्रभावित गंजेपन के इलाज के लिए उचित दिशा-निर्देशों के साथ 2% या 5% मिनोक्सिडिल का उपयोग पुरुषों और महिलाओं दोनों में लम्बे समय तक किया जा सकता है।
  • इससे 6-12 महीनों में बाल उग सकते हैं।
  • गर्भवती, गर्भवती होने की योजना बनाने वाली, या स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका उपयोग न करें।
  • इस उपचार को बंद करने के 6 महीनों के बाद पुनः बाल गिरने शुरू हो सकते हैं।
2. Finasteride एवं अन्य अल्फा-रिडक्टेस एंजाइम अवरोधक - 
  • इंडियन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार फायनास्टराइड Finasteride सिर के बालों को फिर से उगाने के लिए एक और दवा है। 
  • हालांकि, इससे शरीर के अन्य क्षेत्रों में बाल नहीं उगते।
3. स्पिरोनोलैक्टोन एवं अन्य एंटी-एण्ड्रोजन।

4. एस्ट्रोजेन

5. प्रोस्टाग्लैंडीन एनालॉग्स।

6. स्टेरॉयड

7. Ketoconazole - फंगस संक्रमण के इलाज हेतु।


B. हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी:

बालों के साथ त्वचा के छोटे टुकड़े सिर के पीछे से लिए जाते हैं और गंजे सिर पर प्रत्यारोपित (ट्रांसप्लांट) किये जाते हैं।

हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के कुछ नुकसान -
  • संक्रमण, फॉलिकुलिटिस एवं शॉक लॉस जिससे प्रत्यारोपण क्षेत्र के बाल झड़ सकते हैं।
  • अधिक बड़े गंजे क्षेत्र के लिए पर्याप्त बाल खोजने में परेशानी हो सकती है।
  • इसके अलावा, सर्जरी महंगी होती है व आमतौर पर बीमा से कवर नहीं होती है।
अतः यह सबके लिए उपयोगी नहीं है।


C. पीआरपी:

बालों की वृद्धि के लिए प्रोटीन युक्त प्लाज्मा (पीआरपी - Platelet-Rich-Plasma) के इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं। पीआरपी मरीज के खून से तैयार किया जाता है।


D. लेजर उपचार (Low-Level Laser Light Therapy - LLLT):

  • हेयरमैक्स लेसरकॉम्ब लो लाइट लेजर, थेराडोम LH80 PRO हेलमेट, लो लाइट लेजर हेलमेट और कैप आदि उपयोग किये जा सकते हैं।
  • यह कीमोथेरेपी या आनुवंशिकता कि वजह से बालों का झड़ना रोकने के लिए उपयोगी है, हालाँकि उचित तरंग दैर्ध्य और उपचार की अवधि के बारे में अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।


E. माइक्रोनीडलिंग:

मिनोक्सिडिल के साथ अथवा इसके बिना।


बालों के झड़ने को रोकने के एलोपथिक उपचार के दुष्प्रभाव (side effects) या जटिलताएं (complications) क्या-क्या हो सकते हैं?

  • मिनोक्सिडिल से सिर में जलन, सूखापन, स्केलिंग, खुजली और/या लालिमा हो सकती है। अगर ऐसा है तो अपने त्वचा विशेषज्ञ से अवश्य मिलें।
  • मिनोक्सिडिल के कारण सिर के अलावा अन्य जगहों (जैसे गाल और माथे) पर भी बाल उग सकते हैं। अतः मिनोक्सिडिल लगाने के बाद अपना चेहरा धो लें और सिर के अलावा अन्य जगहों पर नहीं लगायें।
  • फायनास्टराइड की वजह से पुरुषों में नपुंसकता, कामेच्छा में कमी, गाइनेकोमास्टिया (स्तन ऊतक की वृद्धि) आदि दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
  • फायनास्टराइड से कैंसर भी हो सकता है।


बालों का झड़ना एवं आयुर्वेद, आयुर्वेद की मदद से बालों का झड़ना कैसे रोकें?

आयुर्वेद बालों के झड़ने से छुटकारा पाने के लिए कई प्राकृतिक और सम्पूर्ण समाधान प्रदान करता है।

आयुर्वेद में बालों का झड़ना या “खालित्य” शिरोरोग शाखा के अंतर्गत आता है।

आयुर्वेद के अनुसार, बाल अस्थि (हड्डी) के उप-उत्पाद के रूप में जाने जाते है। इन ऊतकों के चयापचय में कोई भी असंतुलन, जो कि पाचन अग्नि (जठराग्नि) पर निर्भर है, बालों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

आयुर्वेद में, बालों का झड़ना शारीरिक दोषों में असंतुलन का संकेत है। दोष की प्रबलता के आधार पर इसे चार प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: वातज, पित्तज, कफ़ज एवं सान्निपातज।

खालित्य (बालों का झड़ना) विशेष रूप से पित्त प्रधान त्रिदोषजन्य रोग है।
 
शरीर में पित्त दोष की अधिकता गर्म जलवायु में, अधिक मसालेदार, नमकीन और खट्टे भोजन, गर्म और तीखे भोजन, चाय, कॉफी, शराब, मांस और अत्यधिक धूम्रपान से बढ़ जाती है।

आनुवंशिकता (जीन) से भी पित्त दोष प्रभावित होता है।

खराब पित्त, यानी भृजक पित्त, जब दूषित वात के साथ मिल जाता है, तो बाल कमजोर हो जाते हैं या जड़ से मुरझा जाते हैं।
 
इसके अलावा, कफ की खराबी बालों की जड़ों में रक्त संचार में रुकावट पैदा करती है, जिसके परिणामस्वरूप उस स्थान पर बालों के विकास में बाधा उत्पन्न होती है।

बालों को झड़ने से रोकने में आयुर्वेद कैसे मदद कर सकता है?

बालों के विकास और पुनर्विकास के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण, पश्चिमी दृष्टिकोण (जो बाहरी कारकों पर अधिक केंद्रित है) से काफी अलग है ।

यह पद्धति समस्या के कारणों को सही करती है, अर्थात विभिन्न जैव रसायनों व हार्मोन के बीच चयापचय संबंधी गड़बड़ी को ठीक किया जाता है। 

जैसे बालों के विकास के लिए उपयुक्त आहार व जीवन शैली, ध्यान, योग व प्राणायाम, अरोमाथेरेपी, तेल-मालिश, आयुर्वेदिक शैंपू, पित्त शांत करनेवाली दवाएं / जड़ी-बूटियां, आदि।

बाल झड़ने का आयुर्वेदिक उपचार
बाल झड़ने का आयुर्वेदिक उपचार 


स्वस्थ आहार:

  • एक संतुलित आहार बालों को मजबूत व स्वस्थ बनाता है। प्रोटीन, वसा, विटामिन एवं खनिज लवण संतुलित रूप में होने चाहिए।
  • स्वस्थ और बेहतर पाचन के लिए चिकने, तैलीय एवं तले हुए खाद्य पदार्थों व कोल्ड-ड्रिंक्स का सेवन नहीं करना चाहिए ये गर्मी पैदा करते हैं, अम्लीय होते हैं व पित्त को बढ़ाते हैं।
  • अपने आहार में शतावरी, पुदीना, धनिया के पत्ते, खीरा, शकरकंद, करेला, हरी पत्तेदार सब्जियां, अनानास, चेरी, दही और गर्म दूध जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।
  • अपने आहार में गेहूं, जई, जौ, मक्का और ब्राउन राइस के साथ प्रोटीन युक्त भोजन जैसे राजमा, काली बीन्स, छोले, हरी मटर, अंकुरित अनाज, ड्राई-फ्रूट्स आदि शामिल करें।
  • खूब पानी पिएं, यह त्वचा को स्वस्थ रखने के साथ-साथ बालों की जड़ों को मजबूती देता है।
  • विटामिन डी: विटामिन डी बालों को घना बनाता है। विटामिन डी के अच्छे स्रोत हैं - सूर्य का प्रकाश, पनीर, मशरूम, फोर्टीफायड खाद्य पदार्थ जैसे दूध, अनाज व जूस, अंडे की जर्दी, फैटी मछली आदि।
  • आयरन के अच्छे शाकाहारी स्रोत आयरन-फोर्टिफाइड अनाज, सोयाबीन, कद्दू के बीज, सफेद बीन्स, दाल और पालक हैं। आयरन के अच्छे पशु स्रोतों की सूची में क्लैम, सीप और मांस सबसे ऊपर है।
  • पौष्टिक आहार खाने से बालों का टूटना, दोमुंहे बाल, शुष्क बाल, रूखापन, रूसी / डैंड्रफ आदि को भी रोका जा सकता है।


स्वस्थ जीवनशैली:

  • पर्याप्त नींद लें।
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
  • मल त्याग नियमित होना चाहिए ताकि विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकलते रहें। यदि आप कब्ज से पीड़ित हैं, तो त्रिफला का सेवन करें अथवा योग्य चिकित्सक से परामर्श लें।
  • तनाव को नियंत्रित करें: तनाव को कम करने के लिए ध्यान, योग व प्राणायाम कर सकते हैं।
  • तनाव व चिंता कम करने के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां जैसे एक्यूपंक्चर, सम्मोहन चिकित्सा (Hypnotherapy), व मनोचिकित्सा (Psychotherapy) भी कारगर होती हैं।


सिर/खोपड़ी की मालिश / चम्पी:

  • मालिश से सिर में रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे बालों की जड़ों को पोषण मिलता है, तथा डैंड्रफ से भी छुटकारा मिल सकता है।
  • बालों की नमी को कायम रखने के लिए कम से कम एक या दो घंटे के लिए गर्म तेल को स्कैल्प (सिर का अग्र भाग) में रगड़ें। भृंगराज, नारियल, बादाम, नीम, आंवला, ओलिव, केनोला, या जैतून, जोजोबा के तेल से सिर की मालिश की जा सकती है।
  • सप्ताह में एक या दो बार सिर की त्वचा के अनुकूल तेल से बालों की मालिश अवश्य करें। मालिश के बाद बालों को शावर कैप से ढक दें और दो घंटे बाद माइल्ड शैंपू से धो लें।


अरोमाथेरेपी / एसेंशियल ऑयल थेरेपी: खुशबूदार / आवश्यक तेलों से सिर की मालिश।

  • गुलमेहंदी का तेल बालों में रक्त प्रवाह बढाता है तथा यह एलोपथिक दवा 2% मिनोक्सिडिल की तरह कार्य करता है।
  • पेपरमिंट तेल बालों को घना बनाने, hair follicle की संख्या बढाने में 3% मिनोक्सिडिल से अधिक उपयोगी होता है।
  • अन्य आवश्यक तेल: देवदार (Cedarwood), लैवेंडर का तेल, तुलसी का तेल, अजवायन के फूल का तेल (Thyme oil)।


बालों की देखभाल:

  • गर्म पानी से नहीं नहायें, गर्म पानी रोम-छिद्रों को खोलता है, उन्हें भंगुर बनाता है, जिससे बाल झड़ते हैं।
  • तेल की मालिश के बाद शैंपू करने से नए बालों का विकास होता है, मगर व्यावसायिक रूप से उपलब्ध रासायनिक शैंपू से बालों को धोने के बजाय आंवला और शिकाकाई जैसे प्राकृतिक क्लींजर का उपयोग करें।
  • बाल अत्यधिक मात्रा में अधिक झड़ रहे हैं तो मोटे हेयरब्रश का उपयोग करें तथा बालों में कंघी आराम से करें। 
  • हीट, कर्लिंग और डाई जैसे कठोर उपचारों से बचें।


बालों का झड़ना रोकने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं:

परंपरागत रूप से बालों के विकास को प्रोत्साहित करने, बालों की गुणवत्ता में सुधार करने, बालों की जड़ों में सूजन को कम करने के लिए कई आयुर्वेदिक दवाएं उपयोग की जाती हैं जो कि जड़ी बूटियों का मिश्रण होती है।

बालों का झड़ना रोकने व फिर से बाल बढाने के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौनसी होती है ?

कोई भी एक दवा सब लोगों के लिए, हर परिस्थिति में सर्वश्रेष्ठ नहीं हो सकती।

सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा व्यक्ति की जीन संरचना, बीमारी, आहार, जीवन शैली, समस्या आदि पर आधारित होती है। जैसे बालों में सूखापन है तो तेल मालिश की आवश्यकता होगी।

एक अच्छी आयुर्वेदिक दवा आपकी व्यक्तिगत पसंद के साथ-साथ आपके बजट पर भी निर्भर करती है।

सबसे लोकप्रिय आयुर्वेदिक दवाओं में से एक आमलकी (आंवला) है। यह जड़ी-बूटी तीनों दोषों (वात, पित्त और कफ) को संतुलित करने व बालों के पुनर्निर्माण में मदद करती है।


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घरेलू इलाज (आयुर्वेदिक दवाओं) से बालों का झड़ना कैसे रोकें?

आंवला / आमलकी / इंडियन गूजबेरी:

आंवला भरपूर विटामिन सी देता है। आंवला के एंटी-इंफ्लेमेटरी व एक्सफोलिएटिंग गुणों की वजह से इसका सेवन हेयर फॉलिकल को मजबूत करने, बालों के झड़ने को नियंत्रित करने, बालों के विकास को तेजी देने, तथा समय से पहले सफेद होने से रोकने में मदद करता है।

बालों का झड़ना रोकने के लिए आंवले का प्रयोग कैसे करें?

  • नीबू का रस व आंवला पाउडर को मिलाकर पेस्ट बनाएं।
  • इसे स्कैल्प (सिर का अग्र भाग) पर लगायें व बालों पर मसाज करें।
  • सिर को ढकने के लिए शॉवर कैप का उपयोग करें ताकि पेस्ट सूख न जाए।
  • इसे एक घंटे तक लगाये रखें, बाद में सामान्य पानी से धो लें।


प्याज का रस / ऑनियन जूस:

प्याज में एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) व एंटी-फंगल गुण होता है जो सिर में संक्रमण को कम करता है, तथा इसमें मौजूद सल्फर हेयर फॉलिकल में रक्त संचार बढ़ाता है। बालों के झड़ने को रोकने के साथ-साथ यह बालों की वृद्धि को बढ़ावा देता है।

बालों का झड़ना रोकने के लिए प्याज के रस का प्रयोग कैसे करें?

  • प्याज को पीसकर उसका रस निकाल लें।
  • कॉटन बॉल से प्याज के रस को स्कैल्प पर लगाएं।
  • 20 से 30 मिनट लगा रहने दें व बाद में सामान्य पानी तथा हल्के शैम्पू से धोएं।
  • ऐसा सप्ताह में एक बार करें व फर्क देखें।
प्याज के रस के साथ तुलसी, लहसुनअदरक का रस भी मिलाया जा सकता है।

ग्वार-पाठा / घृतकुमारी / एलोवेरा:

बालों के झड़ने को रोकने, बालों की वृद्धि को बढ़ावा देने, सिर की खुजली और पपड़ी (flakes) कम करने के लिए एलोवेरा एक अच्छा घरेलू उपाय है।

बालों का झड़ना रोकने के लिए एलोवेरा का प्रयोग कैसे करें?

  • एलोवेरा के डंठल से कांटे हटाकर उसका गूदा निकाल लें।
  • इस रस / गूदा को बालों और स्कैल्प पर लगाएं तथा लगभग 45 मिनट के लिए लगा रहने दें।
  • तत्पश्चात सामान्य पानी से धो लें।
  • बेहतर परिणाम चाहते हैं तो सप्ताह में तीन से चार बार लगायें।


मेथी बीज / फेनुग्रीक सीड्स:

मेथी या मेथी के बीज बालों के रोम की मरम्मत करके उनकी पुन: वृद्धि में मदद करते हैं। बालों का सूखापन कम करते हैं 

बालों का झड़ना रोकने के लिए मेथी दानों का प्रयोग कैसे करें?

  • मेथी के दानों को रात भर पानी में भिगो कर रखें।
  • अगली सुबह इनका महीन पेस्ट बनायें व बालों तथा स्कैल्प पर लगाएं।
  • पेस्ट को सिर पर लगभग आधा घंटा लगा रहने दें।
  • स्कैल्प को नम रखने के लिए शॉवर कैप से ढकें।
  • तत्पश्चात सामान्य पानी से धो लें।
  • किसी भी शैम्पू का प्रयोग न करें।
  • इस क्रिया को सप्ताह में दो बार एक महीने तक करें।

मेथी पाउडर व हिना का पेस्ट भी बालों का झड़ना रोकता है। दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर पेस्ट बनायें व बालों में लगायें, थोड़ी देर सूखने के बाद साफ़ पानी से धोएं।

नारियल का दूध / कोकोनट मिल्क:

नारियल में मौजूद प्रोटीन और आवश्यक वसा बालों की वृद्धि तथा झड़ना रोकने में मदद करते हैं।

नारियल का दूध कैसे तैयार करें व प्रयोग करें:

  • नारियल को कद्दूकस करके एक बर्तन में पांच मिनट तक उबालें।
  • इसे छान कर ठंडा करें।
  • इस दूध में एक-एक चम्मच पिसी हुई काली मिर्च और मेथी दाना डालें।
  • अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं।
  • 20 मिनट बाद शैंपू से धो लें।

नारियल तेल व निम्बू का रस:

निम्बू के रस में दुगना नारियल का तेल मिलाकर बालों की मालिश करें।

ग्रीन टी:

ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो बालों की वृद्धि तथा झड़ना रोकने में मदद करते हैं।

बालों का झड़ना रोकने के लिए ग्रीन टी का प्रयोग कैसे करें?

  • दो या तीन पुड़िया एक से दो कप गर्म पानी में भिगो कर रखें।
  • ठंडा होने पर स्कैल्प और बालों पर लगायें तथा सिर की मालिश करें।
  • एक घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें।
कृपया ध्यान दें - ग्रीन टी पीने से नहीं बल्कि बालों में लगाने से फायदा होता है।

चुकंदर / बीट रूट:

विटामिन सी, बी 6, फोलेट, मैंगनीज, बीटेन और पोटेशियम से भरपूर होने के कारण चुकंदर बालों को स्वस्थ व स्कैल्प को साफ रखने (डिटॉक्सीफिकेशन) में मदद करता है।

बालों का झड़ना रोकने के लिए चुकंदर का प्रयोग कैसे करें?

  • चुकंदर के 7-8 पत्तों को उबालें।
  • इसमें 5-6 मेंहदी के पत्ते मिलाएं व पीस लें।
  • इस पेस्ट को स्कैल्प पर लगा कर 15-20 मिनट रहने दें।
  • अब बालों को गर्म पानी से धो लें।


मुलैठी की जड़ / लिकोरिस रूट:

मुलैठी की जड़ बालों के झड़ने और टूटने से बचाती है। यह सिर को शांत रखने तथा सूखे फ्लेक्स/डैंड्रफ से छुटकारा पाने में मदद करती है।

बालों का झड़ना रोकने के लिए मुलैठी की जड़ का प्रयोग कैसे करें?

  • एक प्याले में एक कप दूध, एक चम्मच पिसी हुई मुलेठी की जड़, व एक चौथाई चम्मच केसर लें तथा पेस्ट बना लें।
  • इस पेस्ट को स्कैल्प और बालों की पूरी लंबाई पर लगाएं तथा रात भर लगाये रखें।
  • दुसरे दिन उठ कर बालों को धो लें।
  • इसे हफ्ते में दो बार लगायें।


दही और शहद:

  • एक प्याले में 2 बड़े चम्मच दही, 1 बड़ा चम्मच शहद व नींबू मिला कर पेस्ट बनायें।
  • डाई ब्रश से इस पेस्ट को स्कैल्प और जड़ों पर लगाएं।
  • इसे आधा घंटा लगा रहने दें।
  • अब सिर को ठंडे पानी से धोएं।
  • सप्ताह में एक बार इस पेस्ट को लगाएं।


अंडे का लेप / एग मास्क:

अंडों में बालों के विकास के लिए भरपूर मात्रा में सल्फर, फॉस्फोरस, सेलेनियम, आयोडीन, जिंक व प्रोटीन होते हैं।

बालों का झड़ना रोकने के लिए अंडे का प्रयोग कैसे करें?

  • एक कटोरे में अंडे का सफेद भाग लें।
  • इसमें एक-एक चम्मच शहद व जैतून का तेल मिलाएं।
  • अच्छी तरह मिलाते हुए पेस्ट तैयार करें।
  • पेस्ट को बाल की जड़ से सिरे तक लगाएं।
  • लगभग 20 मिनट बाद हल्के शैंपू से धो लें।


नमक व काली-मिर्च:

नमक व पीसी काली-मिर्च 1-1 चम्मच के साथ पांच चम्मच नारियक का तेल मिलाकर सिर पर लगायें, खोये बालों को पुनः उगाने का यह अच्छा उपचार हो सकता है।

अनार के पत्तों का तेल:

  • अनार के पत्तों का रस 1 लीटर, अनार के पत्तों की लुगदी 100 ग्राम व सरसों का तेल 500 मिली मिलाकर पकाएं।
  • जब केवल तेल बचे, निचे उतारें, छानकर एक बोतल में भर लें। 
  • बालों को झड़ने से रोकने के लिए इस तेल को नियमित लगायें।


नीम व बेरी के पत्ते:

  • नीम व बेरी के पत्तों को पानी में उबालें। 
  • पानी छानकर ठंडा करें व बाल धोएं। 
  • बाद में नीम का तेल लगायें।


हरसिंगार के बीज:

हरसिंगार के बीजों को पीसकर, लेप बना कर बालों में लगायें।

परवल के पत्तों का रस:

कड़वे परवल के पत्तों का रस 2 से 3 महीनों तक बालों में लगाने से बाल झड़ना बंद हो सकते हैं।

छरीला (पत्थर-फूल / शिलापुष्प / येलो लाइकेन / स्टोन फ्लावर ):

छरीला, तगर, कर्चुर, काली तुलसी, हल्दी तथा गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर लेप बांयें व बालों में लगाये। यह बालों का झड़ना व असमय सफेद होना कम करता है।

जटामांसी की जड़ / बालझड़:

जटामांसी की जड़, बला, कूठ, सारिवा, नीलकमल, काला-तिल को समान मात्रा में मिलाकर दूध के साथ पीसकर लेप बनायें व शहद मिलाकर बालों में लगायें। यह भी बालों का झड़ना व असमय सफेद होना कम करता है।

अन्य :

बालों के विकास में ये भी सहायक होते हैं -
  • लाल मिर्च का कैप्सैकिन 
  • जिनसेंग
  • लहसुन जेल (रोगाणुरोधी /एंटी-माइक्रोबियल व दाह-विरोधी /एंटी-इन्फ्लामेटरी गुण)
  • प्रोसायनिडिन (सेब, दालचीनी / cinnamon, व अंगूर में मौजूद एक फ्लेवोनोइड एंटीऑक्सिडेंट)
  • कैफीन
  • टी-ट्री आयल
  • लेवेंडर आयल  


बालों को झड़ने से रोकने के लिए क्या खाएं?(आहार) 

घने, चमकदार, व मजबूत बालों का रहस्य एक स्वस्थ आहार होता है।

1. दालें

दालों में प्रोटीन, आयरन, फोलिक एसिड, जिंक और बायोटिन प्रचूर मात्रा में होते हैं।

2. पालक

पालक में आयरन, विटामिन ए, सी, प्रोटीन, ओमेगा -3 एसिड, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम होते है जो बालों को स्वस्थ व चमकदार बनाये रखते हैं। पालक में सीबम भी होता है जो कि एक प्राकृतिक कंडीशनर होता है।

3. गाजर

गाजर का विटामिन ए सिर की त्वचा को शुष्क व खुजलीदार होने से बचाता है, बालों को घना, मजबूत, चमकदार बनाने, रक्त परिसंचरण में सुधार करने, बालों को टूटने, झड़ने, प्रदूषण व बाहरी नुकसान से बचाने में मदद तथा बालों के विकास में सुधार करता है।

4. ओट्स

ओट्स फाइबर, जिंक, आयरन, ओमेगा -6 फैटी एसिड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) से भरपूर होते हैं जो बालों की वृद्धि करते हैं तथा बालों को घना व स्वस्थ बनाते हैं।

5. अखरोट

  • अखरोट में ओमेगा-3, विटामिन बी (बी 1, बी 6, बायोटिन, व बी 9), विटामिन ई, प्रोटीन और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। 
  • ये सभी बालों के क्यूटिकल्स (बालों की उपरी त्वचा) को मजबूत करते हैं और सिर की त्वचा को पोषण देते हैं। 
  • यह कोशिकाओं के डीएनए को सूर्य से होने वाली क्षति से बचाने में मदद करता है।

6. अंडे

अंडों का प्रोटीन क्षतिग्रस्त बालों के पुनर्निर्माण में मदद करता है (बालों का 68 प्रतिशत भाग केराटिन प्रोटीन होता है)। अंडे में विटामिन बी (बायोटिन) भरपूर होता है जो बालों को बढ़ने में मदद करता है।

7. चिकन

चिकन व टर्की का मांस उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन से भरपूर होता है, जो कमजोर बालों को मजबूत करता है तथा टूटने से बचाता है।

8. स्ट्रॉबेरी,अमरूद व अन्य खाद्य-पदार्थ

स्ट्रॉबेरी में पाये जाना वाला सिलिका बालों को मजबूती देने व वृद्धि करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज है। स्ट्रॉबेरी के अलावा चावल, जई, प्याज, पत्ता गोभी, खीरा और फूलगोभी में भी सिलिका भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
अमरूद का विटामिन सी बालों को भंगुर होने व टूटने से रोकता है।

9. दही

दही विटामिन बी 5 और विटामिन डी से भरपूर होता है तथा बालों की जड़ों को स्वस्थ रखता है।

10. शक्करकंद / स्वीट पोटैटो व अन्य खाद्य-पदार्थ

शक्करकंद का बीटा कैरोटीन बालों को रूखा व बेजान होने से बचाता है तथा स्कैल्प की ग्रंथियों को सीबम (तैलीय द्रव) बनाने के लिए प्रेरित करता है। गाजर, कद्दू, खरबूजा, आम जैसे नारंगी रंग के फल और सब्जियां भी बीटा कैरोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं।

11. ब्राजील नट्स: 

इन नट्स में पाये जाना वाला खनिज सेलेनियम बालों को स्वस्थ रखता है।

12. वसायुक्त मछली: 

यह ओमेगा -3 का एक अच्छा स्रोत है।


बालों को झड़ने से रोकने के लिए कुछ सुझाव Tips to prevent Hair Loss.

  • हानिकारक रसायन वाले साबुन, शैम्पू, हेयर स्प्रे, हेयर जैल और स्टाइलिंग क्रीम के उपयोग से बचें, इनसे बाल शुष्क व गुच्छेदार हो सकते हैं। प्राकृतिक उत्पाद काम में लें।
  • स्ट्रेटनिंग, पर्मिंग, कलरिंग, गीले बालों पर ब्लो ड्रायर, कर्लिंग रॉड का उपयोग करने से बचें क्योंकि ये बालों को भंगुर बनाते हैं। यदि ब्लो ड्राई का उपयोग करना अति आवश्यकता है तो इसे न्यूनतम ताप सेटिंग में रखें। बालों को गर्म करने वाले अन्य उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं तो शुरुआत फोर्टिफाइंग लीव-इन कंडीशनर से करें व सुरक्षात्मक स्प्रे से समापन करें।
  • शैम्पू व बालों को धोना - सल्फेट, पैराबेन या सिलिकॉन जैसे रसायनों वाले शैम्पू से बाल नहीं धोएं। सिर की त्वचा के आधार पर बाल धोएं जैसे सिर की त्वचा शुष्क हो तो बालों को अधिक धोने से बाल झड़ सकते हैं, तथा सिर की त्वचा तैलीय हो तो सप्ताह में तीन बार से अधिक धोएं नहीं तो बाल झड़ेंगें।
  • तैलीय त्वचा व बालों के लिए एक अच्छा कंडीशनर (अमीनो एसिड युक्त) क्षतिग्रस्त बालों को ठीक करता है एवं बालों को चिकना बनाता है।
  • अपने शैम्पू व कंडीशनर को बार-बार एवं जल्दी-जल्दी ना बदलें। धैर्य रखें, 6 महीनों से पहले नहीं बदलें।
  • आहार और व्यायाम - स्वस्थ बालों के लिए संतुलित आहार, प्रोटीन, आयरन आदि सभी पोषक तत्व सही मात्रा में आवश्यक है। साथ में व्यायाम, योग, ध्यान (मेडिटेशन) भी महत्वपूर्ण होते हैं।
  • धूप, प्रदूषण, बारिश के पानी और धूल के अत्यधिक संपर्क से बचें, अन्यथा आपके बाल रूखे व भंगुर हो सकते हैं। बारिश के दौरान बालों को स्वस्थ रखने व नमी से बचाने के लिए एक अच्छे कंडीशनर का उपयोग करें, नियमित रूप से धोएं तथा तेल लगाएं।
  • गीले बालों में कंघी ना करें (टूटने का खतरा होता है) तथा चौड़े दांतों वाली कंघी का उपयोग करें।
  • टाइट हेयर स्टाइल ना बनायें, बालों को जड़ों से बहुत टाइट खींचने से नुकसान होता है। सोते समय बालों को खुला रखें या ढीला बांधें।
  • गर्म पानी के बजाय गुनगुने या ठन्डे पानी से नहायें, गर्म पानी से त्वचा व बाल की सतह का निर्जलीकरण (DEHYDRATION) हो जाता है, तथा सिर की प्राकृतिक चिकनाई ख़त्म हो जाती है, बाल शुष्क व भंगुर हो जाते हैं।
  • नियमित ट्रिम्स (TRIMMING): बाल किनारों / सिरों से अधिक टूटते हैं, व दोमुंहे दिखते हैं, अतः दोमुंहे सिरों को हटाने के लिए व बालों की वृद्धि बढ़ाने के लिए इन्हें हर छह से आठ सप्ताह में किनारों से काटा जाना चाहिए।
  • जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, उसके बालों की मजबूती और घनापन कम होना स्वाभाविक है।
  • यदि आपकी उम्र 40 वर्ष से अधिक है तथा आप बालों को झड़ने से रोकने के लिए उपचार ले रहें हैं तो ध्यान रखें कि अब आपके बाल पहले जैसे घने नहीं हो पायेंगें, हाँ, झड़ना कम हो सकता है।

💆💆 बालों की वृद्धि के लिए साप्ताहिक दिनचर्या 💆💆

WELLAYU  SPECIAL

सोमवार - स्नान करने से एक या दो घंटे पहले चम्पी (तेल मालिश) करें। तत्पश्चात गुनगुने पानी से बालों को धोएं, हल्का शैम्पू काम में ले सकते हैं। साबुन का प्रयोग बालों के अलावा शेष शरीर पर कर सकते हैं
मंगलवार - केवल पानी से स्नान करें। शैम्पू व साबुन का प्रयोग नहीं करें। रात्रि में सोने से एक - दो घंटा पहले भृंग-राज तेल से सिर की मालिश करें। 
बुधवार - शैम्पू व साबुन से स्नान करें।
गुरुवार - केवल पानी से स्नान करें। शैम्पू व साबुन का प्रयोग नहीं करें।
शुक्रवार - सोमवार की तरह तेल मालिश, गुनगुने पानी से स्नान करें। बालों के लिए हल्का शैम्पू व शेष शरीर के लिए साबुन का प्रयोग कर सकते हैं। 
शनिवार - केवल पानी से स्नान करें।
रविवार - इस लेख में पहले बताये गए लेप में से उपलब्धतानुसार व सुविधानुसार किसी एक लेप को सिर पर लगायें, तथा केवल पानी से स्नान करें। शैम्पू व साबुन का प्रयोग नहीं करें। 


आपके बाल उपचार के बावजूद झड़ रहें हैं, तब क्या करें ?

खुश रहें व हर हाल में खुश रहें, प्रकृति से लड़ना बंद करें, दुनियां धीरे-धीरे आपको नए रूप में भी स्वीकार कर लेगी, अपना आत्मसम्मान ना खोएं। सिर सलामत रहना चाहिए, मुकुट (केश) हो ना हो, फर्क नहीं पड़ेगा।


कोरोना व बालों का झड़ना

 

अधिकतर (लगभग 80 - 90%) लोगों में (महिला व पुरुष दोनों में) कोरोना से ठीक होने के एक से डेढ़ महीने बाद बाल झड़ने की समस्या आ रही है, लेकिन कुछ लोगों में कोविड के दौरान भी यह समस्या हो रही है


कोरोना की वजह से बालों का झड़ना Telogen Effluvium श्रेणी में आता है, जहाँ 300-400 बाल प्रतिदिन झड़ते हैं, लेकिन यह समस्या कुछ समय के लिए रहती है, समय पर पहचान व उपचार-देखभाल करके बालों को झड़ने से रोका जा सकता है 


कोरोना के बाद बाल क्यों झड़ते हैं?

किसी भी लंबे बुखार, सर्जरी या तनाव के बाद इम्युनिटी कमजोर होने से बाल झड़ना आमतौर पर देखा जाता है


कोरोना की वजह से बालों के झड़ने के वास्तविक कारणों व निदान का पूर्ण वैज्ञानिक अध्ययन व शोध अभी होना बाकी है, लेकिन निम्न कारण हो सकते हैं -

  • खुराक में बदलाव (भूख में कमी) - शरीर में पौष्टिक आहार की कमी, वजन में बदलाव
  • अनिद्रा, स्ट्रेस / तनाव / अवसाद
  • अत्यधिक कमजोरी
  • बालों की जड़ों में रक्त-संचरण में कमी
  • हार्मोनल बदलाव
  • विटामिन डी व B12 की कमी
  • अधिक एंटीबायोटिक व स्टेरॉइड लेने से शरीर के मेटाबालिज्म सिस्टम का प्रभावित होना


कोरोना के बाद बालों का झड़ना कैसे रोकें?

निम्न तीन कार्य करके कोरोना के बाद बालों का झड़ना रोका जा सकता है -



1. संतुलित व पौष्टिक आहार -

  • प्रोटीन - शाकाहारी प्रोटीन - दालें, चना, राजमा, सोयाबीन, अखरोट, पनीर, पालक, गाजर, शकरकंद आदि; नॉन-वेज प्रोटीन - मांस, अंडा
  • आयरन - पालक, हरे पत्ते वाली सब्जियां
  • विटामिन - विटामिन सी, फालिक एसिड, बायोटीन, बीटा कैरोटिन, विटामिन ए व ई
  • कैल्शियम
  • ओमेगा थ्री फैटी एसिड
  • मौसमी फल - रसीले व मौसमी फल जैसे मौसमी, संतरा, कीवी आदि
  • दिन में 4 से 5 लीटर पानी पीना


2. तनाव पर नियंत्रण -

निम्न तरीकों से तनाव-मुक्त हुआ जा सकता है -

  • योग, व ध्यान 
  • स्वस्थ दिनचर्या 
  • मनपसन्द स्पोर्ट्स खेलना, फिल्म देखना, किताब पढ़ना 



3. दवा एवं उपचार -

अगर उपरोक्त दोनों तरीकों के एक से डेढ़ महीने बाद भी बाल झड़ने रूक नहीं रहे हैं तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करके माइक्रोन्यूट्रिएंट्स वाली दवाएं, तेल व शैंपू, पीआरपी, बाल-प्रत्यारोपण, आदि का सहारा लिया जा सकता है

अथवा उपरोक्तानुसार आयुर्वेदिक उपाय किये जा सकते हैं

लगभग 5-6 महीनों के बाद बाल झड़ना सामान्य हो जाता है


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